पंजाब: जालंधर पुलिस के इस दागी SHO को CJM कोर्ट में सरेंडर करने का आदेश, पढ़िए मामला
कानून से खेलने वाले खाकी वर्दी वाले कभी-कभी खुद कानून के जाल में फंस जाते हैं। ताज़ा मामला सामने आ रहा है जालंधर से जहां गिरफ्तारी से बच कर फरार चल रहे रूरल पुलिस अधीन आदमपुर थाना के एसएचओ नरेश कुमार जोशी को स्थानीय चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में सरेंडर करने का आदेश हुआ है। सेशन कोर्ट की ओर से दर्ज करवाए क्रिमिनल केस में गिरफ्तारी वारंट जारी होने की सूरत में आरोपी एसएचओ नरेश कुमार जोशी ने सेशन कोर्ट में ही "दुहाई है-दुहाई है" वाली याचिका दायर की थी, जिसके निपटारे में वकील दर्शन सिंह दयाल की दलीलों से सहमत होकर कोर्ट ने आरोपी नरेश कुमार जोशी को 10 दिनों में सरेंडर करने का आदेश दिया है। दरअसल, सेशन कोर्ट के स्टेनोग्राफर सोमनाथ की शिकायत पर क्रिमिनल केस में आरोपी बनाए गए एसएचओ नरेश कुमार जोशी को कोर्ट ने IPC की धारा 195/511/120-बी और 192 के तहत सीजेएम कोर्ट ने सम्मन किया था। इंस्पेक्टर नरेश कुमार जोशी तब सिटी पुलिस के थाना बस्ती बावा खेल के एसएचओ थे। उनके साथ एएसआई मुलख राज को भी आरोपी मान कर कोर्ट के समक्ष पेश होने का आदेश जारी हुआ था। एडिशनल सेशन जज परमिंदर सिंह ग्रेवाल ने एक जमानत अर्जी की सुनवाई में तलब की पुलिस फ़ाइल में आरोपी के खाली पेपर्स पर हस्ताक्षर मिलने पर कड़ा संज्ञान लिया था तथा दोनों के विरोधाभासी बयान होने पर दोनों को प्रथम दृष्टया आरोपी मान केस चलाने का आदेश पारित किया था। केस शुरू होने के बाद दोनों को सम्मन तामील नहीं हुए या यह भी माना जा सकता है कि दोनों कोर्ट में पेश होने से कन्नी काट रहे थे। बताया गया है कि थाना बस्ती बावा खेल से सिटी पुलिस थाना रामा मंडी तो बाद में उनका तबादला रूरल पुलिस के थाना भोगपुर में हो गया था। हाल ही में उनको थाना आदमपुर का चार्ज दिया गया है। बहरहाल, एक संगीन क्रिमिनल केस का सामना करते हुए थाना प्रभारी रहना आम जनता के सामने सवाल भी खड़े कर रहा है जिसके बारे में जल्द ही पुलिस के बड़े अफसरों से उनका स्टैंड पूछा जाएगा क्योंकि राज्य के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह दागी पुलिस वालों को ऑपरेशनल पोस्ट पर न रखने के पक्ष में है।